टॉप 10 करियर

टॉप 10 करियर
Hindi

पिछले कुछ वर्षो से ग्लोबल इकोनॉमी में कई परिवर्तन हुए हैं। कई उतार-चढाव भी देखे गए। इसके साथ ही, करियर की कई नई संभावनाएं भी पैदा हुई। कुछ नए क्षेत्र युवाओं के बीच लोकप्रिय हुए तो कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां पिछले कई वर्षो से उत्तरोत्तर प्रगति देखी जा रही है और अगले कई वर्षो तक यह ग्राफ आगे ही बढने वाला है। जानते हैं इस दौर के सर्वाधिक हिट और टॉप करियर्स के बारे में।
1. मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपर
यह जेन-नेक्स्ट के बीच सर्वाधिक लोकप्रिय करियर्स में है। खासतौर पर एप्पल कंपनी के एप्लीकेशंस की बढती ख्याति से प्रेरित होकर तमाम अन्य ब्रैंड्स में भी प्रोफेशनल प्रोग्रामर्स की डिमांड बढ गई है। कंपनियां ऐसे लोगों को बढावा दे रही हैं, जो मोबाइल फोन में लगातार नए एप्स विकसित कर सकें, साथ ही सिक्युरिटी के स्तर पर भी प्रयोग कर सकें। इंटरफेस डिजाइंस की नॉलेज, नेटवर्क कम्युनिकेशन, वेब सर्विसेज और लोकेशन बेस्ड सर्विसेज की जानकारी को काफी प्राथमिकता दी जा रही है।
योग्यता
1. कंप्यूटर साइंस में बीई, बी.टेक, एम.टेक, एमसीए, एमएस
2. आइटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, इंस्ट्रूमेंटेशन और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ग्रेजुएट
अवसर और संभावनाएं
इस फील्ड में अवसरों की कोई कमी नहीं और आने वाले वर्षो में यहां तेजी ही रहने वाली है। तमाम मोबाइल कंपनियां और उनके बीच बढती प्रतिस्पर्धा इस फील्ड को फिलहाल लंबे समय तक गुलजार रखेगी।
सलाह : यह दौर टेक्नोलॉजी और गैजेट्स का है। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएमएआई) की जनवरी 2013 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2015 तक भारत में मोबाइल यूजर्स का आंकडा (वर्तमान में लगभग 87 मिलियन) 165 मिलियन को पार कर जाएगा। ऐसे में आने वाले वर्षो में इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। प्रोग्रामिंग स्किल्स वाले आइटी प्रोफेशनल्स के लिए इस क्षेत्र में ढेरों संभावनाएं हैं।
2. सोशल मीडिया
सोशल मीडिया लोगों का नया और पॉपुलर ठिकाना है। फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब, लिंक्ड इन जैसी तमाम सोशल साइट्स ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में नई क्रांति ला दी है। कोई आश्चर्य नहीं कि ज्यादा से ज्यादा मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग कंपनियां अपनी रणनीति में इन साइट्स का सहारा ले रही हैं और कस्टमर्स तक पहुंचने और सोशल नेटवर्क तैयार करने के लिए इन साइट्स की सेवाएं ले रही हैं। नैसकॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में आइटी इंडस्ट्री को मजबूत करने में सोशल मीडिया बडी भूमिका निभाने को तैयार है। एक ओर बीपीओ सेक्टर में कुछ गिरावट आई है, लेकिन इसकी भरपाई सोशल मीडिया में विकास के जरिये होगी। यूरोप में आए ग्लोबल संकट का असर आइटी सेक्टर में देखने को मिला है, लेकिन सोशल मीडिया के कारण इस साल और आने वाले सालों में भी इस क्षेत्र में भारी संख्या में नौकरियां आएंगी।
योग्यता
1. सोशल साइट्स की विस्तृत व गहन जानकारी
2. लेखन और संवाद की शानदार क्षमता और कंप्यूटर स्किल्स
3. सोशल मीडिया मार्के टिंग टेक्नीक्स की विस्तृत जानकारी
4. जर्नलिज्म, कम्युनिकेशन या मार्केटिंग की बैचलर डिग्री
अवसर और संभावनाएं
यह नया और तेजी से बढता क्षेत्र है। आने वाला समय सोशल मीडिया का है, लिहाजा इस फील्ड से जुडी नौकरियां बढेंगी। समर्पण, जुनून के साथ संवाद में महारत है तो यहां अवसरों की कमी नहीं।
सलाह : सोशल मीडिया मैनेजर होने का मतलब है जिम्मेदारियों का बडा सा बस्ता कंधे पर टांगना। सबसे बडी व महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्रैंड की सारी प्रतिष्ठा, सिद्धांत और लोकप्रियता आपके हाथ में है। इसलिए इस फील्ड में आने के लिए खासा समर्पण चाहिए।
3. हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री
होटल मैनेजमेंट की डिग्री इस दौर में काफी फायदेमंद है। इसके तहत दो स्तरों पर करियर की शुरुआत की जा सकती है। पहला- रूम डिवीजन, फ्रंट सर्विस, हाउसकीपिंग। दूसरा- फूड एंड बेवरेज, इसमें प्रोडक्शन, सर्विस व किचन की ट्रेनिंग होती है। होटल इंडस्ट्री में विकास का मुख्य कारण है पर्यटन उद्योग को लगातार बढावा।
योग्यता
1. अंग्रेजी विषय के साथ 12वीं के बाद तीन साल की होटल मैनेजमेंट डिग्री
2. ग्रेजुएशन के बाद दो वर्षीय ग्रेजुएट डिग्री की जा सकती है
3. बारहवीं के बाद डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं।
अवसर और संभावनाएं
होटल मैनेजमेंट के बाद रेस्टरां मैनेजमेंट, क्लब मैनेजमेंट, क्रूजशिप मैनेजमेंट, होटल एवं कैटरिंग इंस्टीट्यूट, टूरिज्म, फूड कन्फेक्शनरी और बेवरेज प्रोडक्शन इंडस्ट्री, एयरलाइन कैटरिंग व केबिन सर्विस, सरकारी कैटरिंग डिपार्टमेंट्स जैसे रेलवे, आ‌र्म्ड फोर्स आदि में भी करियर की संभावनाएं हैं।
सलाह : अगर कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है, आतिथ्य-सत्कार में मजा आता है, लोगों की बात ध्यान से सुन सकते हैं और पूरी सहनशीलता के साथ उन्हें हैंडल कर सकते हैं तो यह क्षेत्र आपके लिए है। यहां अपार संभावनाएं हैं मगर रोज नई चुनौतियां भी हैं।
4. सोशल वर्क
पब्लिक व प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में सोशल वर्कर के लिए संभावनाएं हैं। यहां विकास के बेहतरीन अवसर हैं, लेकिन काम का दायरा भी बहुत फैला हुआ है। डेस्क के साथ ही फील्ड वर्क भी करना होता है। आजकल सोशल एंटरप्रेन्योरशिप को भी बढावा दिया जा रहा है। विकास के बढते ग्राफ के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं-बच्चों की दशा, मलिन बस्तियों में जागरूकता, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सहायता व स्किल ट्रेनिंग, गांवों में सोलर सिस्टम, बायोगैस और लघु उद्योग जैसे कई क्षेत्र हैं, जहां संभावनाएं हैं।
योग्यता
1. मानव स्वभाव, व्यवहार, समाज और सामाजिक व्यवस्थाओं की जानकारी
2. विपरीत स्थितियों में धैर्य व साहस के साथ काम करने की क्षमता
3. प्रोफेशनल स्तर पर एमएसडब्ल्यू डिग्री यानी सोशल वर्क में बैचलर/मास्टर डिग्री
4. अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शन शास्त्र, मनोविज्ञान जैसे विषयों में स्नातक या स्नातकोत्तर की डिग्री वाले छात्र भी इस क्षेत्र में आ सकते हैं।
अवसर और संभावनाएं
महिला व बाल विकास, परिवार कल्याण और चिकित्सा क्षेत्रों में काम की बेशुमार संभावनाएं हैं। प्राइवेट सेक्टर में भी एचआर मैनेजर, पर्सनल मैनेजर, इंडस्ट्रियल रिलेशन ऑफिसर जैसे पदों पर काम किया जा सकता है। सोशल वर्क ग्रेजुएट्स एनजीओ, ट्रस्ट्स, नॉन-प्रॉफिट कंपनीज, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और यूएनडीपी जैसे संगठनों से भी जुड सकते हैं।
सलाह : समाज सेवा का जज्बा है और सिर्फ पैसे के लिए नौकरी नहीं करना चाहते तो इस क्षेत्र में आ सकते हैं। एमएसडब्ल्यू में मास्टर डिग्री और पी-एच.डी. से ज्यादा अवसर मिलेंगे।
5. एनिमेशन इंडस्ट्री
पिछले कुछ वर्षो में इस फील्ड में कई नए करियर उभर कर सामने आए हैं। थ्री डी एनिमेशन की क्वॉलिटी की वजह से इसे पसंद करने वालों की संख्या भी बढ रही है। बच्चों की पढाई आसान करने के लिए ई-लर्निग की व्यवस्था के बारे में भी भारत सरकार ने विचार किया है। एनिमेटेड फिल्मों-सीरियल्स और खासतौर से थ्री डी एनिमेशन में भविष्य बेहतर है। एनिमेटर के कई काम होते हैं। जैसे ले-आउट डिजाइनर, डिजिटल इंक और पेंट आर्टिस्ट, कंपोजिटर, मॉडलर, की फ्रेम एनिमेटर, बैकग्राउंड आर्टिस्ट आदि।
योग्यता
1. 12वीं (किसी भी स्ट्रीम में) के बाद डिप्लोमा और ग्रेजुएट पाठ्यक्रम
2. पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स के लिए किसी भी विषय में ग्रेजुएशन जरूरी
3. कंप्यूटर स्किल
4. कुछ खास कोर्सेज के लिए फाइन आ‌र्ट्स, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर व टेक्नोलॉजी ग्रेजुएट होना जरूरी।
अवसर और संभावनाएं
फिल्मों, टीवी, एजुकेशन, सेल्स, पब्लिशिंग, वेब डिजाइनिंग, फैशन, इंटीरियर डिजाइनिंग, कंप्यूटर व मोबाइल गेम्स, मेडिकल, लीगल, इंश्योरेंस, आर्किटेक्चर डिजाइन जैसे क्षेत्रों में संभावनाएं हैं।
सलाह : बेस्ट नहीं, क्रिएटिव होना यहां जरूरी है। यहां आपका स्कोर या ग्रेड नहीं, काबिलीयत काम आएगी। ट्रडिशनल एनिमेशन, फोटोशॉप, ह्यूमन एनाटॉमी, ड्रॉइंग, टू डी या थ्री डी एनिमेशन, क्लेमेशन जैसे पाठ्यक्रम ले सकते हैं। रचनात्मकता, संतुष्टि के साथ इस सपनीली दुनिया में पैसा भी अच्छा है।
6. पब्लिक रिलेशन जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा वाले इस दौर में पी.आर. ही वह पुल है, जो लोगों तक सीधे पहुंचा सकता है। सभी कंपनियां, संगठन या संस्थान पी.आर. के माध्यम से ही बाजार में अपनी पहचान और दायरा बढाते हैं। जनसंपर्क ऐसा माध्यम है जिससे संचार व संवाद को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। इसका क्षेत्र व्यापक है। पी.आर. का मकसद इमेज बिल्डिंग है। इससे लोगों की रुचियों, रुझान और समझदारी को प्रभावित किया जा सकता है। बाजार में बढती प्रतिस्पर्धा के दौर में कंपनियां अपने सामान या उत्पाद की गुणवत्ता, कीमत और जानकारी के लिए पी.आर. का सहारा लेती हैं। यह एक तरह से विज्ञापन की तरह है। इसके माध्यम से लोगों से सीधे संपर्क और संवाद कायम किया जा सकता है।
योग्यता
1. मीडिया में संचार प्रक्रिया के अलावा दूरदर्शिता, प्रशासनिक कार्य जैसी बातों की जानकारी
2. त्वरित-सही निर्णय लेने की क्षमता
3. वाकपटुता या कम्युनिकेशन स्किल
4. 12वीं के बाद जनसंचार में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन
5. पढने-लिखने में रुचि, दैनिक समाचार पत्रों व घटनाओं पर नजर, ख्ाबरों की जानकारी
6. हिंदी-अंग्रेजी में धाराप्रवाह बोलने की क्षमता
अवसर और संभावनाएं
अच्छी संवाद क्षमता वाले प्रोफेशनल्स की डिमांड आजकल हर फील्ड में है। प्राइवेट कंपनियों, सरकारी विभागों, राजनीतिक दलों, बैंक, हॉस्पिटल व हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट्स, परिवहन व पर्यटन विभाग, प्रकाशन, शिक्षण संस्थानों, फिल्म व संगीत में कार्यरत कंपनियों, खिलाडियों, ऐक्टर्स को अपने प्रचार-प्रसार के लिए पी.आर. की जरूरत होती है। इसलिए इस फील्ड में संभावनाएं काफी हैं।
सलाह : पिछले कुछ वर्षो में खासतौर पर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री, चैनल्स, एड एजेंसियों, आइटी कंपनियों में इजाफा हुआ है। इसी के साथ पी.आर. प्रोफेशनल्स की डिमांड भी तेजी से बढ रही है। यहां ट्रेनी से करियर की शुरुआत करके पांच-छह वर्षो में अच्छा मुकाम हासिल किया जा सकता है। वेतनमान अच्छा है। अगर लोगों से मिलना-जुलना, फील्ड वर्क करना पसंद है तो इस क्षेत्र में आ सकते हैं।
7. प्रोडक्ट डिजाइनिंग
आज हर फील्ड में प्रोडक्ट डिजाइनिंग की मांग बढ गई है। इंजीनियरिंग से लेकर मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल्स, फैशन, एंटरटेनमेंट, इंटीरियर डिजाइनिंग, फूड, आईटी व आर्किटेक्चर जैसे सभी सेक्टर्स में इसकी डिमांड है। कंपनियां उत्पादों की पैकेजिंग पर 30-40 फीसदी तक खर्च कर रही हैं। ऐसे में निकट भविष्य में यहां कई संभावनाएं नजर आ रही हैं। फील गुड के इस संसार में टॉफी-चॉकलेट से लेकर मोबाइल, लैपटॉप तक डिजाइनर होने लगे हैं। प्रॉडक्ट की बिक्री में खूबसूरती का बडा हाथ होता है।
योग्यता
1. ग्रेजुएट कोर्स के लिए किसी भी बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण
2. डिप्लोमा या पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के लिए किसी भी विषय से ग्रेजुएशन
3. देश के कई संस्थानों में चयन एंट्रेंस एग्जैम जैसे सीईईडी, एनईईडी या गेट के माध्यम से होता है।
अवसर और संभावनाएं
यहां काम के कई विकल्प मौजूद हैं। ग्राफिक डिजाइनर, कमर्शियल आर्टिस्ट, प्रॉडक्ट मैन्युफैक्चरर व कॉस्ट एस्टीमेटर के रूप में यहां काम की संभावनाएं हैं।
सलाह : रचनात्मकता इस क्षेत्र के लिए विशेष शर्त है। इसके अलावा बाजार की समझ, प्रेजेंटेशन का गुण, विजुलाइजेशन और उत्पाद की जानकारी भी जरूरी है। यानी अगर आपके हाथ में हुनर है, रेखाओं से कुछ भी डिजाइन कर लेने की क्षमता है तो बेहतरीन करियर बना सकते हैं। यहां पांच-छह साल में ही आप उच्चस्तर तक पहुंच सकते हैं।
8. एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट
हमारे देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। आज इसका व्यावसायिक महत्व बढ चुका है। लगातार बदलते व्यावसायिक परिदृश्य, तकनीकी परिवर्तन, वैश्वीकरण, प्रतिस्पर्धा के कारण कृषि क्षेत्र के सामने भी कई चुनौतियां आ रही हैं। निर्यात बढा है। खेती के साथ कई अन्य व्यवसाय भी जुडे हैं। यही कारण है कि एग्री-बिजनेस तेजी से बढ रहा है। एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स के लिए यह एक पसंदीदा करियर बन रहा है।
योग्यता
1. एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट्री, एलायड साइंस या बायोलॉजिकल साइंस में 60 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन
2. कॉमन एंटे्रंस एग्जैम जैसे कैट या मैट या संबंधित संस्थान के लिए विशेष परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है
3. लिखित परीक्षा के बाद ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू भी होता है और चयन परीक्षा की पूरी प्रक्रिया में प्राप्त अंकों के आधार पर होता है।
4. कृषि में रुचि के अलावा व्यवसाय की बेहतर समझ जरूरी है।
अवसर और संभावनाएं
इस क्षेत्र में काम के कई अवसर हैं। प्रोफेशनल एग्री बिजनेस मैनेजर चाहे तो एग्री बिजनेस में मार्केटिंग मैनेजर, एग्रीकल्चरल लोन ऑफिसर, रिसर्च एनालिस्ट, फ्लोर मिल मैनेजर, ग्रेन मर्चेडाइजर जैसे विकल्प चुन सकता है।
सलाह : एग्री बिजनेस में युवा, सक्रिय मैनेजर्स और उद्यमियों की डिमांड लगातार बढ रही है। इसलिए यदि मैनेजर बनने की क्वॉलिटी है, कृषि संबंधी तमाम पहलुओं में रुचि है, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने में परेशानी नहीं है तो इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। कठिन परिश्रम ही यहां सफलता की कुंजी है।
9.विडियो गेमिंग
यह भले ही बच्चों का खेल हो, लेकिन यहां करियर बनाना बच्चों का खेल बिलकुल नहीं है। इसके लिए कलात्मकता, रचनात्मकता, प्रयोगधर्मिता और गेम्स में रुचि के अलावा इसके हर पहलू की जानकारी होना जरूरी है। यह तेजी से उभरता और मनोरंजक क्षेत्र है। यहां रोमांच भी है, चुनौतियां भी और विकास के बेहतरीन अवसर भी हैं।
योग्यता
1. गेम में रुचि व समझ जरूरी
2. कंप्यूटर का ज्ञान
3. 12वीं (गणित व भौतिक विज्ञान विषयों के साथ उत्तीर्ण) के बाद विडियो गेम संबंधी कई पाठ्यक्रम में दाख्िाला ले सकते हैं
4. कई संस्थान सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स कराते हैं।
5. बीए ऑनर्स डिजिटल मीडिया, गेम डेवलपमेंट, पीजी डिप्लोमा, थ्री डी एनिमेशन, पीजी डिप्लोमा गेम डेवलपमेंट, पीजी डिप्लोमा गेम डिजाइन जैसे कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं
अवसर और संभावनाएं
इस फील्ड में जूनियर गेम डिजाइनर के रूप में शुरुआत हो सकती है। इसके बाद डिजाइनर, गेम डिजाइनर, लीड डिजाइनर, कंटेंट डिजाइनर, यूजर इंटरफेस डिजाइनर, गेम टेस्टर, ऑडियो व साउंड इंजीनियर, गेम मैनेजमेंट, गेम राइटर, नेटवर्क प्रोग्रामर, स्क्रिप्ट राइटर, गेम आर्टिस्ट जैसे कई विकल्प मौजूद हैं।
सलाह : यह तेजी से फलता-फूलता क्षेत्र है। नौकरियां बहुत हैं, लिहाजा आमदनी भी भरपूर है। यदि नौ से पांच की नौकरी नापसंद हो तो फ्रीलांस की संभावनाएं भी हैं। पी-एच.डी. के बाद शिक्षण संस्थानों में अध्यापन भी कर सकते हैं। यहां केवल हुनरमंद हाथों की जरूरत है।
10. मेडिकल इमरजेंसी टेक्नीशियन
हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत में तेजी से सुधर रहा है। हॉस्पिटल्स बढे हैं, सुविधाएं बढी हैं और रोज नई टेकनीक्स विकसित हो रही हैं। रिपो‌र्ट्स के अनुसार एक दशक पहले तक भारत में कोई भी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियंस नहीं थे। वर्ष 2005 तक केवल 10 हजार ही ट्रेंड टेक्नीशियन थे। दूसरी ओर यूएस में आबादी कम होते हुए भी लगभग ढाई लाख ट्रेंड टेक्नीशियंस हैं।
योग्यता
1. पढाई के साथ कुछ करने की इच्छा है तो गर्मियों की छुट्टी में भी ऐसे शॉर्ट-टर्म कोर्स कर सकते हैं
2. हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के लिए दो महीने और बारहवीं (विज्ञान वर्ग) में उत्तीर्ण छात्रों के लिए चार महीने का शॉर्ट टर्म कोर्स भी संभव है
3. नर्सिग (जीएनएम), बी.फार्मा और बी.एस-सी. लाइफ साइंस डिप्लोमा व डिग्री
अवसर और संभावनाएं
हाल के वर्षो में हॉस्पिटल्स की संख्या तेजी से बढ रही है। अगले दस वर्षो में इसमें और तेजी की संभावना है। जाहिर है, क्वॉलिफाइड व ट्रेंड ईएमटी स्टाफ की जरूरत भी इसी हिसाब से बढेगी। इसलिए यहां बेहतर अवसर भी पैदा होंगे।
सलाह : अगर इस फील्ड में जाना चाहते हैं या मन में सेवा भाव है तो यह कोर्स कर सकते हैं। हमारे देश में भी अभी भी ट्रॉमा की स्थिति से उबरने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। ऐसे में यहां करियर के विकास की संभावनाएं हैं।
इनपुट्स : उषा अल्बुकर्क (डायरेक्टर, करियर्स स्मार्ट), राहुल वालिया (चेयरमैन और एमडी, कॉरपोरेट इन्फोकॉम प्रा.लि.) और वी. त्रिपाठी (प्रवक्ता, विवो हेल्थकेयर)।
इंदिरा राठौर

Related product you might see:

Share this product :

Post a Comment

 
Support : Creating Website | Johny Template | Mas Template
Copyright © 2011. Corporate Infocom Pvt Ltd - All Rights Reserved
Template Created by Creating Website Published by Mas Template
Proudly powered by Blogger